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अंततः घूसखोर आर आई पर गिरी निलंबन की गाज।कलेक्टर सीधी ने की कार्यवाही,

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अंततः घूसखोर आर आई पर गिरी निलंबन की गाज।कलेक्टर सीधी ने की कार्यवाही,

 

नक्शा तरमीम एवं सीमांकन के नाम हरिजन परिवार वसूली गई थी राशि।

 

*अरविंद सिंह परिहार सीधी*

 

 

अवैध वसूली, व कार्य प्रणाली के कारण चर्चित मझौली तहसील में पदस्त राजस्व निरीक्षक धर्मदास गुप्ता पर जिला कलेक्टर सीधी स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय भू अभिलेख कार्यालय सीधी नियत किया गया है। तथा निलंबन नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाने का आदेश पारित किया गया है।

बताते चलें कि नक्शा तरमीम एवं सीमांकन के नाम पर हरिजन परिवार से फीस के नाम पर बीस हजार रुपए की मांग यह कहते हुए किया गया था कि कार्य के लिए पैसा लगता है। जिसका वीडियो पैसा देते समय पीड़ितो द्वारा बना लिया गया था पैसा लिए जाने के बाद भी सही ढंग से कार्य नहीं किया गया जिससे आहत साकेत परिवार द्वारा हमारे जिला ब्यूरो अरविंद सिंह को वीडियो उपलब्ध कराते हुए राशि वापस कराए जाने व कार्यवाही की गुहार लगाई गई थी। मामले की खबर प्राइम टीवी न्यूज़ चैनल एवं पोर्टल पर खबर प्रकाशन किया गया था। मीडिया के शिरकत के बाद आर आई द्वारा वसूला गया पैसा पीड़ितों को वापस किया गया। वही खबर प्रकाशन को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई है। 10 जुलाई को जारी आदेश के अनुसार 4 जुलाई के दैनिक जागरण समाचार पत्र में प्रकाशित खबर की परीक्षेप में 5 जुलाई को कलेक्टर द्वारा राजस्व निरीक्षक धर्मदास गुप्ता को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करते हुए तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया गया था 8 जुलाई को राजस्व निरीक्षक द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया। दिए गए जवाब में समाधान कारक नहीं पाए जाने पर 10 जुलाई 2024 को जिला कलेक्टर द्वारा आदेश जारी कर निलंबन की कार्यवाही की गई है। की गई कार्यवाही से पीड़ित हरिजन परिवार को हमारे जिला ब्यूरो द्वारा अवगत कराया गया। जिस कार्यवाही के प्रति पीड़ित परिवार द्वारा संतुष्टि जाहिर की गई है।

 

*अधिकारियों में मची अपरा तफरी*

 

कलेक्टर सीधी द्वारा की गई निलंबन कार्यवाही के बाद तहसील कार्यालय के आला अधिकारियों के में अपरा तफरी का माहौल निर्मित है बता दें कि राजस्व निरीक्षक श्री गुप्ता द्वारा यह राशि तहसील कार्यालय एवं प्रांगण में ही हरिजन परिवार से ली गई थी। जो कहीं ना कहीं वरिष्ठ अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर संदेह पैदा कर रहा है? क्योंकि इस दौरान यह भी देखा गया कि कलेक्टर द्वारा कार्यवाही प्रारंभ कर दिए जाने के बाद भी आर आई से लगातार सीमांकन के कार्य कराए गए यहां तक की जबकि 10 जुलाई को सुबह ही आदेश निलंबन आदेश पारित होने की खबर शायद लग चुकी रही होगी फिर भी आर आई तहसील कार्यालय प्रांगण में इधर-उधर घूम फिर लोगों से मिल एवं तहसील स्थित कार्यालय में बैठकर देर सायं 3-4 बजे तक काम करते देखे गए।जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

*ए रहा पूरा मामला*

 

मझौली तहसील के पाड निवासी देवराज पिता कामता साकेत द्वारा हमारे जिला ब्यूरो को साक्ष्य के रूप में रस देते समय का बनाए गए वीडियो के साथ जानकारी देते हुए बताया गया था कि मझौली तहसील कार्यालय में पदस्थ गुप्ता आर आई जिसका नाम धर्मदास गुप्ता बताया गया है द्वारा नक्शा तरमीम एवं सीमांकन के नाम पर हम लोगों से यह कहते हुए की नक्शा तरबीम एवं सीमांकन का पैसा लगता है तीन किस्तों में 5000–5000 कर के15000 रुपए ले लिए फिर भी काम नहीं किये । जब बताया गया कि नक्शा तरमीन एवं सीमांकन की शुल्क लोक सेवा केंद्र में आवेदन लगाते समय लगती है। तहसील में नहीं लगती तो पीड़ित परिवार द्वारा कहा गया कि यह जानकारी हमें नहीं थी आर आई साहब द्वारा कहा गया कि नक्शा तरमीन एवं सीमांकन करने के लिए पैसा लगता है।20000 रूपए की मांग की गई थी विनती भाव करने पर 15000 तीन किस्तों में 19 जून 20 जून एवं 25 जून को लेने के बाद 25 जून को खेत पर पहुंचे और समुचित ढंग से नाप ना करते हुए कोरम पूर्ति कर चले गए। जिसका खबर प्रकाशन दैनिक जागरण समाचार पत्र में किया गया था। मीडिया की शिरकत के बाद आर आई द्वारा राशि हरिजन परिवार को वापस की गई। जिसकी जानकारी पीड़ित परिवार द्वारा मीडिया को बयान के साथ दिया गया।

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