Breaking News: मध्य प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को जारी हुए आदेश
अशासकीय स्कूलों में निशुल्क शिक्षा नहीं देने वाले स्कूलों पर करें करवाई
RTE me चयनित छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं देने के सम्बन्ध में आदेश जारी
भोपाल । मध्य प्रदेश में शिक्षा माफियाओं के आतंक लगातार बढ़ते जा रहे हैं कभी स्कूल में बच्चों को प्रवेश नहीं देना तो कभी स्कूल के लिए जारी की गाइडलाइन का पालन नहीं करना उसका किताब सहित ड्रेस जैसे छोटे-छोटे मामले पर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार आवश्यक दिखाई दे रही है इसी के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए राइट टू एजुकेशन के तहत मध्य प्रदेश के कुछ स्कूलों में बच्चों को निशुल्क शिक्षा नहीं दी जा रही है जिसको लेकर राज्य शिक्षा ने आदेश जारी करते हुए सभी कलेक्टर को सचेत किया है कि नियम का पालन पूर्ण रूप से कराए ।
प्रति,
भोपाल, दिनांक 11.06.24
कलेक्टर समस्त जिले
विषयः-शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत लॉटरी के माध्यम से चयनित छात्रों को प्रवेश न देने के संबंध में।
विषयांतर्गत लेख है कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा सत्र 2024-25 के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के छात्रों के निःशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया के निर्देश पत्र क्रमांक / राशिके/आरटीई/2024/771 भोपाल दिनांक 21.02.2024 के माध्यम से जारी किए गए। राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशों के अनुक्रम में दिनांक 14.03.2024 को ऑनलाईन लॉटरी के माध्यम से छात्रों को स्कूलों का आवंटन किया गया। राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक / राशिके / आरटीई/2024/1266 भोपाल दिनांक 15.03.2024 के माध्यम से अशासकीय स्कूलों/पालकों / विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक तथा जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश जारी करते हुए दिनांक 23.03.2024 तक संबंधित विद्यालय में प्रवेश हेतु कार्यवाही के निर्देश प्रदान किए गए।
प्रवेश प्रक्रिया के परीक्षण में पाया गया कि कुछ जिलों में कतिपय विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सत्र 2024-25 में लॉटरी के माध्यम से प्रथम चरण में चयनित छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया है। चयनित छात्रों को प्रवेश नहीं देना वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के छात्रों के अधिकारों का हनन है, तथा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (सी) का स्पष्ट उल्लंघन है।
अतः उपरोक्तानुसार समस्त अशासकीय विद्यालयों का तत्काल परीक्षण किया जाए, जहां स्कूल आवंटन के पश्चात् भी प्रवेश नहीं दिया गया है। अशासकीय विद्यालयों द्वारा यदि शासन के निर्देशों के पश्चात् भी निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन किया गया है, तो उनके विरूद्ध शिक्षा का अधिकार नियम 11 (7) अनुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जाए।