क्षेत्र में विकट पेयजल समस्या फ्लॉप हो रही करोड़ की नलजल योजना।
जिला पंचायत सदस्य सुमन डॉ .मनोज कोल ने जल आपूर्ति को लेकर लिखा पत्र।
अरविंद सिंह परिहार ( सीधी मझौली)
भले ही चाहे पेय जल एवं जल संवर्धन के लिए शासकीय कोष से करोड़ रुपए गवाए जा रहे हैं लेकिन यह योजना हवा हवाई में चल रही है। जिससे मझौली उपखंड अंतर्गत विकेट जल समस्या की स्थिति बनी हुई है ।जिसको लेकर जिला पंचायत सदस्य वार्ड क्रमांक 10 ताला सभापति गौ संरक्षण समिति जिला पंचायत सीधी सुमन डॉक्टर मनोज कोल द्वारा विगत दिनों क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों को जल समस्या से निजात दिलाए जाने अनुविभागी अधिकारी राजस्व मझौली को पत्र सौंपा गया है। सौपे गए पत्र में वर्णित किया गया है कि क्षेत्र के लोगों द्वारा पेयजल समस्या से अवगत कराए जाने पर क्षेत्र का भ्रमण कर जायजा लिया गया जहां पर पाया गया कि कुछ गांव एवं मोहल्ले में नल जल योजना का आधा अधूरा कार्य किया गया है जो काफी लंबे समय से बंद है।कुछ में कार्य ही चालू नहीं किया गया वहीं हैंडपंपों का सुधार एवं संवर्धन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। जिससे गांव एवं मोहल्ले में लोगो की पेयजल समस्या के साथ पशुओं के पानी पीने की भारी समस्या है। जिसके लिए आग्रह किया गया है कि जिन ग्राम पंचायत एवं गांव में नल जल योजना स्वीकृत है किंतु अभी तक चालू नहीं हुई है। अति शीघ्र कार्य पूर्ण कराया जाकर पानी की सप्लाई दी जाए साथ ही ग्राम पंचायतों में संचालित वाटर सप्लाई एवं हैंड पंप सुधार कराया जाकर जल आपूर्ति समस्या से जल्द से जल्द निजात दिलाई जाए जिससे लोगों एवं मवेशियों को भरपूर पीने का पानी मिल सके। विदित हो कि एक दशक वर्ष पूर्व से चालू नलजल योजना चींटी के चाल चल रहा है। जिससे अधिकांश गांवों एवं मोहल्ले में इस योजना का पानी नहीं पहुंच पाया है।वही लोक स्वास्थ्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा भी इस पर चल समस्या को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है जबकि तेज जल समीक्षा बैठक में कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है कि विभिन्न पर जल स्रोतों का मरम्मत कर पेयजल की समस्या से लोगों को निजात दिलाई जाए। भले ही चाहे हैंड पंप सुधार एवं संवर्धन कार्य में लाखों रुपए प्रति माह गलाई जा रही है लेकिन जहां भी देखा जाए हैंड पंप हवा ही उगल रहे हैं। इस जल संकट काल में जबकि क्षेत्र में पेयजल की काफी समस्या उत्पन्न है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग निष्क्री भूमिका में काम कर रहा है। एक और जहां एसडीओ हमेशा नकारत रहते हैं वहीं अधिकारी कर्मचारी मौज मस्ती करते इधर-उधर घूमते फिरते रहते हैं या अपने निजी काम में व्यस्त देखे जा रहे हैं। अब देखना होगा कि खबर प्रशासन के बाद जिला प्रशासन ऐसे लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों पर क्या कुछ कार्यवाही करता है।